The Organic Store https://b53kishor.pooinfotech.in Mon, 30 Jun 2025 14:04:29 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.1 Swing Trading in Hindi: सीखें स्टेप-बाय-स्टेप तरीका और स्ट्रैटेजी https://b53kishor.pooinfotech.in/swing-trading-in-hindi-%e0%a4%b8%e0%a5%80%e0%a4%96%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%9f%e0%a5%87%e0%a4%aa-%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%af-%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%9f%e0%a5%87%e0%a4%aa-%e0%a4%a4/ https://b53kishor.pooinfotech.in/swing-trading-in-hindi-%e0%a4%b8%e0%a5%80%e0%a4%96%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%9f%e0%a5%87%e0%a4%aa-%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%af-%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%9f%e0%a5%87%e0%a4%aa-%e0%a4%a4/#respond Mon, 30 Jun 2025 14:04:29 +0000 https://b53kishor.pooinfotech.in/?p=351 Swing Trading in Hindi: सीखें स्टेप-बाय-स्टेप तरीका और स्ट्रैटेजी

 

पहले ब्लोग मै२ हमने देखा कि  Intra Day Trading   क्या होती है इस लेख मै हम देखेंगे Swing Trading

🔰 परिचय:

शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने के कई तरीके होते हैं – जैसे कि Intraday Trading, Scalping, Positional Trading और Swing Trading। इन सभी में से Swing Trading एक बहुत ही लोकप्रिय और संतुलित ट्रेडिंग तरीका है, जो न तो बहुत जल्दी होता है (जैसे इंट्राडे), और न ही बहुत लंबा (जैसे इन्वेस्टमेंट)। यह एक मध्यम अवधि की ट्रेडिंग है जहाँ ट्रेडर्स कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक शेयर होल्ड करते हैं।

आइए जानते हैं Swing Trading के बारे में विस्तार से।

📌 Swing Trading क्या है?

Swing Trading एक ऐसा ट्रेडिंग स्टाइल है जिसमें ट्रेडर किसी स्टॉक को उस समय खरीदता है जब उसे लगता है कि स्टॉक की कीमत कुछ दिनों में बढ़ेगी (या घटेगी, शॉर्ट सेलिंग के केस में)। और जब उस शेयर की कीमत लक्ष्य तक पहुँचती है तो वह उसे बेच देता है।

इसमें आमतौर पर 2-10 दिन तक की अवधि होती है, लेकिन कई बार यह कुछ हफ्तों तक भी हो सकता है।

उदाहरण:
मान लीजिए आपने रिलायंस का शेयर 2500 रुपये में खरीदा क्योंकि टेक्निकल चार्ट ने बुलिश सिग्नल दिखाया। अगर 4-5 दिनों में वह शेयर 2600 तक जाता है, तो आप उसे बेचकर 100 रुपये प्रति शेयर का मुनाफा कमा सकते हैं।

✅ Swing Trading के मुख्य तत्व:

1. ⏳ समय की अवधि:

स्विंग ट्रेडिंग में ट्रेड कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक हो सकता है। यह न तो इंट्राडे जैसा है जो एक ही दिन में खत्म होता है और न ही इन्वेस्टमेंट जैसा जो महीनों और सालों तक चलता है।

2. 📊 टेक्निकल एनालिसिस:

स्विंग ट्रेडर्स आमतौर पर टेक्निकल एनालिसिस का उपयोग करते हैं, जैसे कि चार्ट पैटर्न, कैंडलस्टिक पैटर्न, इंडिकेटर (RSI, MACD, Moving Average इत्यादि)।

3. 💼 फंडामेंटल एनालिसिस:

कई बार लॉन्ग टर्म ट्रेंड को समझने के लिए फंडामेंटल एनालिसिस भी किया जाता है। जैसे कंपनी की न्यूज, रिजल्ट्स, सेक्टर ट्रेंड आदि।

🧠 Swing Trading के फायदे:

1. समय की आज़ादी:

इंट्राडे ट्रेडिंग के मुकाबले इसमें आपको दिनभर स्क्रीन पर नहीं बैठना होता। आप अपनी जॉब या बिज़नेस के साथ भी यह कर सकते हैं।

2. बड़ा मुनाफा संभव:

क्योंकि इसमें ट्रेड कई दिनों तक चलता है, इसलिए एक अच्छे मूव में 5% से लेकर 20% तक का मुनाफा भी संभव होता है।

3. कम कमीशन और चार्जेस:

कम ट्रेडिंग के कारण ब्रोकरेज और टैक्स भी कम लगता है।

4. स्ट्रेस फ्री ट्रेडिंग:

इंट्राडे ट्रेडिंग में जहां हर मिनट पर नजर रखनी होती है, वहीं स्विंग ट्रेडिंग अपेक्षाकृत शांत और तनाव मुक्त होती है।

❌ Swing Trading के नुकसान:

1. ओवरनाईट रिस्क:

चूंकि ट्रेड को कई दिनों तक होल्ड किया जाता है, इसीलिए रात में कोई बुरी खबर (जैसे मार्केट क्रैश, वॉर, कंपनियों के खराब रिजल्ट्स) आने पर नुकसान हो सकता है।

2. गलत ट्रेंड पकड़ना:

यदि आप गलत एंट्री ले लेते हैं और स्टॉप लॉस नहीं लगाते, तो नुकसान बहुत बढ़ सकता है।

3. धैर्य की आवश्यकता:

यहाँ आपको धैर्य रखना पड़ता है, जल्दबाजी नुकसानदायक हो सकती है।

📌 Swing Trading कैसे करें? (स्टेप बाय स्टेप)

🔹 स्टेप 1: सही स्टॉक का चयन करें

ऐसे स्टॉक चुनें जिनमें वोलैटिलिटी हो और ट्रेडिंग वॉल्यूम अच्छा हो। Midcap और Largecap स्टॉक्स Swing Trading के लिए बेहतर होते हैं।

🔹 स्टेप 2: चार्ट्स का एनालिसिस करें

  • कैंडलस्टिक चार्ट्स को पढ़ना सीखें।

  • RSI, MACD, Bollinger Bands जैसे इंडिकेटर्स का इस्तेमाल करें।

  • सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल को समझें।

🔹 स्टेप 3: एंट्री और एग्जिट प्लान बनाएं

  • एंट्री पॉइंट, टारगेट और स्टॉप लॉस पहले से तय करें।

  • भावनाओं में बहकर निर्णय न लें।

🔹 स्टेप 4: स्टॉप लॉस का पालन करें

स्टॉप लॉस लगाना जरूरी है ताकि किसी भी बड़े नुकसान से बचा जा सके।

🔹 स्टेप 5: नियमित विश्लेषण करें

हर दिन मार्केट चेक करें और जरूरत पड़े तो स्ट्रैटेजी में बदलाव करें।

🔍 Swing Trading के लिए जरूरी टूल्स:

  1. TradingView – चार्ट्स और एनालिसिस के लिए।

  2. MoneyControl – फंडामेंटल जानकारी के लिए।

  3. Zerodha/Kite – ट्रेड करने के लिए।

  4. StockEdge – स्क्रीनिंग और न्यूज़ के लिए।

  5. Google Sheets – मुनाफा-नुकसान ट्रैक करने के लिए।

📘 Best Strategies for Swing Trading:

  1. Breakout Strategy: जब कोई स्टॉक अपने Resistance को तोड़ता है तो वहां से तेजी आने की संभावना होती है।

  2. Pullback Strategy: जब कोई स्टॉक ऊपर जाकर थोड़ा सा नीचे आता है (Pullback) और फिर दोबारा ऊपर जाता है।

  3. Moving Average Crossover: जब Short Term Moving Average (जैसे 20 EMA) Long Term Moving Average (जैसे 50 EMA) को ऊपर की ओर काटता है, तो Buy Signal मिलता है।

📌 किन लोगों के लिए Swing Trading सही है?

  • जो Full-time जॉब करते हैं और Day Trading नहीं कर सकते।

  • जिनके पास बाजार को हर समय देखने का समय नहीं है।

  • जो मध्यम अवधि के लिए मुनाफा कमाना चाहते हैं।

✅ निष्कर्ष (Conclusion):

Swing Trading एक बेहतरीन ट्रेडिंग तरीका है जो आपको सीमित समय में अच्छा रिटर्न दे सकता है – यदि आप सही तकनीक, डिसिप्लिन और धैर्य के साथ ट्रेड करें। यह उन लोगों के लिए आदर्श है जो Share Market से पैसा कमाना चाहते हैं लेकिन हर समय स्क्रिन पर नहीं बैठ सकते।

हर ट्रेड में जोखिम होता है, लेकिन सही Strategy और Stop Loss के साथ आप इस जोखिम को काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं।

अगर तुम्हाला हाच ब्लॉग मराठीत हवा असेल किंवा PDF स्वरूपात हवा असेल तर मला कळवा, मी लगेच तयार करून देईन.

 

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What is Intraday Trading https://b53kishor.pooinfotech.in/what-is-intraday-trading/ https://b53kishor.pooinfotech.in/what-is-intraday-trading/#respond Sun, 29 Jun 2025 17:01:05 +0000 https://b53kishor.pooinfotech.in/?p=337
  •  Intraday Trading क्या है? what is intraday trading

  • आज के डिजिटल युग में लोग तेजी से शेयर मार्केट की ओर आकर्षित हो रहे हैं। खासकर, जो लोग रोज कमाई का जरिया ढूंढ रहे हैं उनके लिए Intraday Trading एक बेहतरीन विकल्प बनकर उभरी है। लेकिन, यह तरीका जितना आकर्षक दिखता है, उतना ही जोखिम भरा भी होता है। इसलिए इसे शुरू करने से पहले इसकी पूरी जानकारी होना बेहद जरूरी है।

    Types of Trading in Share Market – शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के प्रकार

    शेयर मार्केट आज के समय में निवेश और कमाई का एक बेहद लोकप्रिय जरिया बन गया है। लेकिन इस मार्केट में पैसा कमाने के लिए सही जानकारी और सही रणनीति का होना जरूरी है। खासकर ट्रेडिंग के प्रकार को समझना बहुत जरूरी है क्योंकि हर ट्रेडिंग का तरीका अलग होता है और रिस्क भी अलग होता है।

    इस ब्लॉग में हम आपको शेयर मार्केट के प्रमुख ट्रेडिंग प्रकारों के बारे में विस्तार से बताएंगे – आसान भाषा में और प्रैक्टिकल उदाहरणों के साथ।

    1. इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading)

    2. डिलिवरी ट्रेडिंग (Delivery Trading)

    3. स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading)

    4. पोजिशनल ट्रेडिंग (Positional Trading)

    5.स्कैल्पिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading

    6.ऑप्शन्स ट्रेडिंग (Options Trading)

    7. फ्यूचर्स ट्रेडिंग (Futures Trading)

    8. BTST (Buy Today Sell Tomorrow)

    9. STBT (Sell Today Buy Tomorrow)

     

    आइए इस लेख में विस्तार से समझते हैं…

    •  Intraday Trading क्या है? what is intraday trading

    आज के डिजिटल युग में लोग तेजी से शेयर मार्केट की ओर आकर्षित हो रहे हैं। खासकर, जो लोग रोज कमाई का जरिया ढूंढ रहे हैं उनके लिए Intraday Trading एक बेहतरीन विकल्प बनकर उभरी है। लेकिन, यह तरीका जितना आकर्षक दिखता है, उतना ही जोखिम भरा भी होता है। इसलिए इसे शुरू करने से पहले इसकी पूरी जानकारी होना बेहद जरूरी है।

    इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि Intraday Trading क्या है, यह कैसे की जाती है, इसके फायदे, नुकसान, ज़रूरी टूल्स, और सफल ट्रेडिंग के लिए जरूरी टिप्स।

    Types of Trading in Share Market
    •  Intraday Trading क्या होती है?

    Intraday Trading को हिंदी में दैनिक व्यापार कहा जाता है। इसमें किसी शेयर को उसी दिन के अंदर खरीदा और बेचा जाता है। यानी, जो स्टॉक आज खरीदा गया है, वह आज ही बेच देना होता है – चाहे प्रॉफिट हो या लॉस।

    उदाहरण के लिए – आपने सुबह 10 बजे TCS का शेयर ₹3600 में खरीदा और दोपहर 2 बजे ₹3630 में बेच दिया, तो ₹30 का मुनाफा हो गया। लेकिन अगर वही शेयर गिरकर ₹3580 हो गया और आपने बेच दिया, तो ₹20 का नुकसान।

    •  Intraday Trading कैसे काम करती है?

    1. सुबह मार्केट खुलते ही अच्छे स्टॉक्स को शॉर्टलिस्ट किया जाता है।
    2. टेक्निकल चार्ट और मार्केट ट्रेंड को देखकर बाय या सेल का निर्णय लिया जाता है।
    3. 9:15 AM से 3:30 PM के बीच ही यह पूरा ट्रेड पूरा करना होता है।
    4. अगर आप पोजिशन क्लोज नहीं करते हैं, तो ब्रोकरेज सिस्टम उसे ऑटो-क्लोज कर देता है।
    •  Intraday Trading करने के लिए क्या चाहिए?

    • एक डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट (Zerodha, Upstox, AngelOne आदि में)
    • एक अच्छा इंटरनेट कनेक्शन और लैपटॉप/मोबाइल
    • टेक्निकल एनालिसिस की बेसिक समझ
    • डिसिप्लिन और इमोशन कंट्रोल करने की क्षमता
    • Intraday Trading के फायदे

    1. ✅ कम समय में प्रॉफिट कमाने का मौका
      अगर मार्केट सही दिशा में गया, तो कुछ ही घंटों में बढ़िया कमाई हो सकती है।
    2. ✅ मार्जिन ट्रेडिंग की सुविधा
      आप कम पैसों में ज़्यादा वैल्यू के स्टॉक्स खरीद सकते हैं।
    3. ✅ रोजाना कमाई की संभावना
      हर दिन एक नया ट्रेड – यानी हर दिन एक नई कमाई।
    4. ✅ डिलिवरी चार्ज नहीं लगता
      क्योंकि स्टॉक्स को होल्ड नहीं किया जाता, इसलिए डिपॉजिटरी चार्जेस नहीं लगते।
    •  Intraday Trading के नुकसान

    1. ❌ बहुत ज्यादा रिस्क
      गलत फैसले या अचानक मार्केट मूवमेंट से भारी नुकसान हो सकता है।
    2. ❌ मानसिक तनाव
      पूरे दिन चार्ट देखते रहना और निर्णय लेना बहुत तनावपूर्ण हो सकता है।
    3. ❌ इमोशनल ट्रेडिंग का खतरा
      लालच या डर की वजह से गलत डिसीजन लेना आम बात है।
    4. ❌ मार्जिन कॉल का दबाव
      अगर स्टॉक तेजी से गिरा, तो ब्रोकरेज हाउस पैसे जमा करने को कह सकता है।
    • कौन से स्टॉक्स को चुनें?
    • Intraday Trading में स्टॉक चुनना बहुत ही जरूरी काम है। आपको ऐसे स्टॉक्स चुनने चाहिए:
    • जिनका वॉल्यूम हाई हो
    • जिनमें वोलाटिलिटी हो यानी प्राइस में मूवमेंट हो
    • जो न्यूज या इवेंट्स से प्रभावित हो सकते हैं

     

    🔹 Intraday Trading में सफल होने के टिप्स

    1. ✅ स्टॉप लॉस ज़रूर सेट करें
      इससे आप नुकसान को सीमित कर सकते हैं।
    2. ✅ ट्रेडिंग प्लान बनाकर चलें
      बिना प्लान के ट्रेडिंग = नुक़सान का न्योता।
    3. ✅ भावनाओं को नियंत्रण में रखें
      लालच, डर और जल्दबाजी से ट्रेडिंग बर्बाद हो सकती है।
    4. ✅ ट्रेंड के साथ चलें
      मार्केट की दिशा के अनुसार ही ट्रेड करें।

    इंट्राडे ट्रेडिंग की प्रमुख बातें

    1. उसी दिन खरीद और बिक्री

    ट्रेडर्स दिन की शुरुआत में शेयर खरीदते हैं और उसी दिन के भीतर बेचकर मुनाफा कमाने की कोशिश करते हैं। यह लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट से अलग है।

    2. छोटे मूल्य परिवर्तन से लाभ

    यह रणनीति छोटे-छोटे दाम के उतार-चढ़ाव पर आधारित होती है। एक ट्रेडर कम कीमत पर खरीदकर और ज्यादा पर बेचकर मुनाफा कमाता है। या फिर शॉर्ट सेलिंग कर के भी मुनाफा कमा सकता है।

    3. रात भर पोजीशन नहीं

    डे ट्रेडर्स के लिए सबसे जरूरी नियम है कि बाजार बंद होने से पहले सभी पोजीशन्स क्लोज करनी होती हैं। वे ओवरनाइट रिस्क नहीं लेते।

    4. जोखिम प्रबंधन अनिवार्य

    स्टॉप-लॉस, ट्रेलिंग स्टॉप जैसे टूल्स का इस्तेमाल करना जरूरी होता है ताकि किसी भी नुकसान को कंट्रोल किया जा सके।

    5. तेज़ मुनाफा, तेज़ रिस्क

    यहां मुनाफा जल्दी मिल सकता है, लेकिन अगर बाजार गलत दिशा में चला गया तो नुकसान भी उतना ही तेजी से हो सकता है।

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