-
Intraday Trading क्या है? what is intraday trading
आज के डिजिटल युग में लोग तेजी से शेयर मार्केट की ओर आकर्षित हो रहे हैं। खासकर, जो लोग रोज कमाई का जरिया ढूंढ रहे हैं उनके लिए Intraday Trading एक बेहतरीन विकल्प बनकर उभरी है। लेकिन, यह तरीका जितना आकर्षक दिखता है, उतना ही जोखिम भरा भी होता है। इसलिए इसे शुरू करने से पहले इसकी पूरी जानकारी होना बेहद जरूरी है।
Types of Trading in Share Market – शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के प्रकार
शेयर मार्केट आज के समय में निवेश और कमाई का एक बेहद लोकप्रिय जरिया बन गया है। लेकिन इस मार्केट में पैसा कमाने के लिए सही जानकारी और सही रणनीति का होना जरूरी है। खासकर ट्रेडिंग के प्रकार को समझना बहुत जरूरी है क्योंकि हर ट्रेडिंग का तरीका अलग होता है और रिस्क भी अलग होता है।
इस ब्लॉग में हम आपको शेयर मार्केट के प्रमुख ट्रेडिंग प्रकारों के बारे में विस्तार से बताएंगे – आसान भाषा में और प्रैक्टिकल उदाहरणों के साथ।
1. इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading)
2. डिलिवरी ट्रेडिंग (Delivery Trading)
3. स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading)
4. पोजिशनल ट्रेडिंग (Positional Trading)
5.स्कैल्पिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading
6.ऑप्शन्स ट्रेडिंग (Options Trading)
7. फ्यूचर्स ट्रेडिंग (Futures Trading)
8. BTST (Buy Today Sell Tomorrow)
9. STBT (Sell Today Buy Tomorrow)
आइए इस लेख में विस्तार से समझते हैं…
-
Intraday Trading क्या है? what is intraday trading
आज के डिजिटल युग में लोग तेजी से शेयर मार्केट की ओर आकर्षित हो रहे हैं। खासकर, जो लोग रोज कमाई का जरिया ढूंढ रहे हैं उनके लिए Intraday Trading एक बेहतरीन विकल्प बनकर उभरी है। लेकिन, यह तरीका जितना आकर्षक दिखता है, उतना ही जोखिम भरा भी होता है। इसलिए इसे शुरू करने से पहले इसकी पूरी जानकारी होना बेहद जरूरी है।
इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि Intraday Trading क्या है, यह कैसे की जाती है, इसके फायदे, नुकसान, ज़रूरी टूल्स, और सफल ट्रेडिंग के लिए जरूरी टिप्स।

-
Intraday Trading क्या होती है?
Intraday Trading को हिंदी में दैनिक व्यापार कहा जाता है। इसमें किसी शेयर को उसी दिन के अंदर खरीदा और बेचा जाता है। यानी, जो स्टॉक आज खरीदा गया है, वह आज ही बेच देना होता है – चाहे प्रॉफिट हो या लॉस।
उदाहरण के लिए – आपने सुबह 10 बजे TCS का शेयर ₹3600 में खरीदा और दोपहर 2 बजे ₹3630 में बेच दिया, तो ₹30 का मुनाफा हो गया। लेकिन अगर वही शेयर गिरकर ₹3580 हो गया और आपने बेच दिया, तो ₹20 का नुकसान।
-
Intraday Trading कैसे काम करती है?
- सुबह मार्केट खुलते ही अच्छे स्टॉक्स को शॉर्टलिस्ट किया जाता है।
- टेक्निकल चार्ट और मार्केट ट्रेंड को देखकर बाय या सेल का निर्णय लिया जाता है।
- 9:15 AM से 3:30 PM के बीच ही यह पूरा ट्रेड पूरा करना होता है।
- अगर आप पोजिशन क्लोज नहीं करते हैं, तो ब्रोकरेज सिस्टम उसे ऑटो-क्लोज कर देता है।
-
Intraday Trading करने के लिए क्या चाहिए?
- एक डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट (Zerodha, Upstox, AngelOne आदि में)
- एक अच्छा इंटरनेट कनेक्शन और लैपटॉप/मोबाइल
- टेक्निकल एनालिसिस की बेसिक समझ
- डिसिप्लिन और इमोशन कंट्रोल करने की क्षमता
-
Intraday Trading के फायदे
- ✅ कम समय में प्रॉफिट कमाने का मौका
अगर मार्केट सही दिशा में गया, तो कुछ ही घंटों में बढ़िया कमाई हो सकती है। - ✅ मार्जिन ट्रेडिंग की सुविधा
आप कम पैसों में ज़्यादा वैल्यू के स्टॉक्स खरीद सकते हैं। - ✅ रोजाना कमाई की संभावना
हर दिन एक नया ट्रेड – यानी हर दिन एक नई कमाई। - ✅ डिलिवरी चार्ज नहीं लगता
क्योंकि स्टॉक्स को होल्ड नहीं किया जाता, इसलिए डिपॉजिटरी चार्जेस नहीं लगते।
-
Intraday Trading के नुकसान
- ❌ बहुत ज्यादा रिस्क
गलत फैसले या अचानक मार्केट मूवमेंट से भारी नुकसान हो सकता है। - ❌ मानसिक तनाव
पूरे दिन चार्ट देखते रहना और निर्णय लेना बहुत तनावपूर्ण हो सकता है। - ❌ इमोशनल ट्रेडिंग का खतरा
लालच या डर की वजह से गलत डिसीजन लेना आम बात है। - ❌ मार्जिन कॉल का दबाव
अगर स्टॉक तेजी से गिरा, तो ब्रोकरेज हाउस पैसे जमा करने को कह सकता है।
- कौन से स्टॉक्स को चुनें?
- Intraday Trading में स्टॉक चुनना बहुत ही जरूरी काम है। आपको ऐसे स्टॉक्स चुनने चाहिए:
- जिनका वॉल्यूम हाई हो
- जिनमें वोलाटिलिटी हो यानी प्राइस में मूवमेंट हो
- जो न्यूज या इवेंट्स से प्रभावित हो सकते हैं
🔹 Intraday Trading में सफल होने के टिप्स
- ✅ स्टॉप लॉस ज़रूर सेट करें
इससे आप नुकसान को सीमित कर सकते हैं। - ✅ ट्रेडिंग प्लान बनाकर चलें
बिना प्लान के ट्रेडिंग = नुक़सान का न्योता। - ✅ भावनाओं को नियंत्रण में रखें
लालच, डर और जल्दबाजी से ट्रेडिंग बर्बाद हो सकती है। - ✅ ट्रेंड के साथ चलें
मार्केट की दिशा के अनुसार ही ट्रेड करें।
इंट्राडे ट्रेडिंग की प्रमुख बातें
1. उसी दिन खरीद और बिक्री
ट्रेडर्स दिन की शुरुआत में शेयर खरीदते हैं और उसी दिन के भीतर बेचकर मुनाफा कमाने की कोशिश करते हैं। यह लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट से अलग है।
2. छोटे मूल्य परिवर्तन से लाभ
यह रणनीति छोटे-छोटे दाम के उतार-चढ़ाव पर आधारित होती है। एक ट्रेडर कम कीमत पर खरीदकर और ज्यादा पर बेचकर मुनाफा कमाता है। या फिर शॉर्ट सेलिंग कर के भी मुनाफा कमा सकता है।
3. रात भर पोजीशन नहीं
डे ट्रेडर्स के लिए सबसे जरूरी नियम है कि बाजार बंद होने से पहले सभी पोजीशन्स क्लोज करनी होती हैं। वे ओवरनाइट रिस्क नहीं लेते।
4. जोखिम प्रबंधन अनिवार्य
स्टॉप-लॉस, ट्रेलिंग स्टॉप जैसे टूल्स का इस्तेमाल करना जरूरी होता है ताकि किसी भी नुकसान को कंट्रोल किया जा सके।
5. तेज़ मुनाफा, तेज़ रिस्क
यहां मुनाफा जल्दी मिल सकता है, लेकिन अगर बाजार गलत दिशा में चला गया तो नुकसान भी उतना ही तेजी से हो सकता है।